बिहार के किसान आंदोलन पर एक टिप्पणी लिखें
बिहार के किसान आंदोलन पर एक टिप्पणी लिखें बिहार के किसान आंदोलन पर एक टिप्पणी लिखें 1920 के दशक में किसानों ने अपने को वर्गीय संगठनों तथा राजनीतिक दलों के रूप में संगठित करना आरंभ कर दिया था | इसके पीछे किसानों के प्रति कांग्रेस की उदासीन नीति तथा साम्यवादी तथा अन्य वामपंथी दलों द्वारा किसानों के वर्गीय चेतना उत्पन्न करने के कारण किसान सभा का गठन हुआ, 1920 के आरंभिक दशक में बिहार बंगाल पंजाब तथा उत्तर प्रदेश में किसान सभा का गठन हुआ | बिहार में 1922- 23 में मुंगेर में शाहमोहम्मद जबेर की अध्यक्षता में किसान सभा की स्थापना हुई | मार्च 1928 को बिहटा पटना में स्वामी सहजानंद सरस्वती ने किसान सभा के औपचारिक स्थापना की | नवंबर 1929 में सोनपुर में स्वामी सहजानंद की अध्यक्षता में प्रांतीय किसान सभा का गठन किया गया | श्रीकृष्ण सिंह इसके सचिव तथा यमुना कार्य थी गुरु नानक श्री गुरु लाल एवं कैलाश लाल इसके प्रमंडलीय सचिव बने 11 अप्रैल 1936 ईस्वी को अखिल भारतीय किसान सभा का गठन लखनऊ में हुआ | सन 1936 में बिहार में बांका शत भूमि ( स्वयं ज्योति हुई भूमि ) के विरुद्ध आंदोलन शुरू हुआ | जिसे कांग्रेस ने